दबंगों ने स्कूल का रास्ता किया बंद, बच्चों के भविष्य पर ग्रहण

दबंगों ने स्कूल का रास्ता किया बंद, बच्चों के भविष्य पर ग्रहण
बांस- बल्ला को फांद कर चंद बच्चे ही पहुंच रहे स्कूल
मामला बेगूसराय के बखरी प्रखंड के गंगरहो स्कूल का
बेगूसराय : एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा पर जोर दे रही है। एक भी बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं रह जाए इसके कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है। वहीं चंद लोग अपने स्वार्थ की वजह से बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश कर रहे हैं। इसी तरह का मामला बेगूसराय के बखरी प्रखंड का सामने आया है। प्रखंड के गंगरहो स्थित कारि लाल सिंह प्राथमिक विद्यालय जाने वाले रास्ते को दबंगों द्वारा बंद करा दिए जाने से बच्चों की शिक्षा पर ग्रहण लग गया है। प्रशासनिक पदाधिकारी का कहना है कि मामला को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। फिलहाल मामला नहीं सुलझने की वजह से पिछले चार दिनों से स्कूल का पठन पाठन पूरी तरह से ठप है।
बैरंग घर लौटे बच्चे
जानकारी के अनुसार, निजी जमीन से विद्यालय पहुंचने के वैकल्पिक रास्ते को सोमवार को अचानक जमीन के मालिक द्वारा बंद करा दिया गया। रास्ता बंद होने की वजह से बच्चों को बैरंग घर लौटने को मजबूर होना पड़ा। बच्चों के नहीं आने की वजह से स्कूल परिसर की रौनक गायब हो गई। शिक्षक उपस्थिति बनाने के बाद दिनभर विद्यालय में बैठे रहते हैं।स्कूल में पढ़ाई नहीं होने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। उन्होंने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर स्थानीय प्रशासन से मामले को जल्द से सुलझाने का अनुरोध किया है। वहीं बच्चों का कहना है कि पहले दिन अचानक रास्ता बंद होने के कारण अधिकांश बच्चे वापस घर लौट गए। कुछ बच्चे खेत से होकर किसी तरह स्कूल पहुंचे, जिसमें काफी असुविधा हुई। लेकिन, दूसरे दिन एक भी बच्चे स्कूल नहीं गए।
प्रभारी प्रधानाध्यापक ने लगायी गुहार
इधर मंगलवार को विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरविंद वर्मा ने एसडीएम को आवेदन देकर रास्ता खुलवाने की गुहार लगाई है। आवेदन में कहा गया है कि सोमवार को गांव के जवाहर सिंह द्वारा बांस बल्ला लगाकर विद्यालय के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया गया है, जिसके कारण मंगलवार को एक भी बच्चे विद्यालय नहीं आए। जिससे विद्यालय का संचालन नहीं हो सका। ग्रामीणों की उपस्थिति में शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की और दिनभर विद्यालय में रहे। प्रभारी प्रधानाध्यापक ने आवेदन में कहा है कि गांव से विद्यालय पहुंचने का यह एक मात्र सीधा रास्ता है। यह रास्ता गांव के जवाहर सिंह, आजाद महतो, सच्चिदानंद महतो, पुनीत महतो तथा मदन महतो की निजी जमीन से होकर गुजरता है। जवाहर सिंह के अतिरिक्त उक्त चारों लोगों को उस रास्ते से कोई आपत्ति नहीं है। जबकि 2010 में विद्यालय की स्थापना के समय उनके पिता स्व. प्रभूनारायण सिंह ने जमीन के अन्य सभी मालिकों से मौखिक बात कर रास्ता खुलवाए थे। जिसके गवाह ग्रामीण हैं। उस समय से आज तक विद्यालय के छात्र- छात्रा उसी रास्ते का उपयोग करते चले आ रहे हैं। इधर पूछे जाने पर भूमि के मालिक पूर्व मुखिया व पूर्व जिप सदस्य जवाहर सिंह ने कहा कि उनकी पुश्तैनी निजी जमीन है, जिसका उपयोग भाई कर रहे हैं। हो सकता है कि उनके द्वारा भूमि की घेराबंदी की गई होगी। जब तक जमीन उपयोग में नहीं थी लोग उससे होकर आते जाते थे। अब उसे उपयोग में लाया जा रहा है तो राजनीति नहीं होनी चाहिए। विद्यालय आने जाने के लिए ईंट सोलिंग और कच्ची रास्ता उपलब्ध है।