Patna News : PMCH के इस रूम में बड़ा खेल, मिला जले नोटों का बंडल, NEET-MBBS एग्जाम में धांधली के मिले सबूत!

- मोटी रकम लेकर एमबीबीएस और नीट यूजी में बैठाता है स्कॉलर
- डॉक्टर को हिरासत में लेने से पहले पीएमसीएच प्रशासन को दी जाती है सूचना
पटना न्यूज : बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच के चाणक्य हॉस्टल में बीते दिन दूसरे तल्ले पर मेडिकल स्टूडेंट अजय सिंह के रूम में आग लग गई थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड के तीन गाड़ी मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया था। वहीं इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। उसके रूम से करीब 10-12 लाख के 500-500 और 100 - 100 के जले नोट मिले हैं। साथ ही नीट-पीजी के कई एडमिट कार्ड भी मिला है। इसके अलावा आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस का जला हुआ ओएमआर शीट के साथ एक शराब की आधी खाली बोतल भी मिला है।
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बताया जा रहा है कि अजय कुमार सिंह जो कि समस्तीपुर जिले का रहने वाला है। वह 2022 में पीजी पास कर चुका है। और यही नही बल्कि छठा तल्ला पर 625 रूम नम्बर का रूम, द्वितीय तल्ला पर जिसका रूम नम्बर नहीं लिखा हुआ है और ग्राउंड फ्लोर पर एक रूम है जो कि किसी दूसरे डॉक्टर के नाम पर अलॉट किया हुआ है कब्जा किये हुए है। इस मामले में केयर टेकर अनिल कुमार ने कहा कि नोटिस भी चस्पा किया गया था। साथ ही कई बार रूम खाली करने को कहा पर उसने खाली नहीं किया।
वहीं सूत्रों का कहना है कि अजय एमबीबीएस और नीट यूजी समेत अन्य मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने के लिए स्कॉलर को बैठाता है। स्कॉलर बैठाकर अभ्यर्थियों और उसके परिजनों से मोटी रकम वसूल करता है। यही नहीं वह एमबीबीएस के इंटरनल एग्जाम में भी एमबीबीएस पास आउट को बैठाकर मेडिकल स्टूडेंट को पास कराता है। वही बुधवार काे अजय हाॅस्टल पहुंचा था। रूम की हालत देखकर भड़क गया।
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वहां रह रहे जूनियर डाक्टरों के साथ उसकी नोकझोंक भी हुई। मारपीट भी हुई। इसी बीच पीरबहोर थाना के अपर थाना अध्यक्ष अरुण कुमार, पीएसआई रोहित पासवान वहां पहुंचे और अजय कुमार सिंह को लेकर वहां से टीओपी चले गए। वही टीओपी में खेल शुरू हुआ और मोटी रकम लेकर अजय कुमार सिंह को छोड़ दिया गया।
आपको बता दें कि अगर पीएमसीएच के किसी भी डॉक्टर को पुलिस डिटेन करती है तो इससे पहले पीएमसीएच प्रशासन को सूचना दी जाती है। साथ ही साथ उसे डॉक्टर का आधार कार्ड या एडमिट कार्ड या आई कार्ड पुलिस अपने पास रखती है। लेकिन पीरबहोर थाना की पुलिस ने ऐसा नही किया बल्कि उसे बिना पीआर बांड के ही छोड़ दिया। इससे आप ही अंदाजा लगा सकते है कि पुलिस ने किस तरह का खेल किया है।
वहीं पीरबहोर थानेदार ने पीएमसीएच के अधीक्षक को भी फोन लगाया लेकिन अधीक्षक ने फोन नहीं उठाया सबसे हैरानी की बात तब हुई जब थाना प्रभारी ने प्रिंसिपल को फोन लगाया तब प्रिंसिपल ने जवाब दिया कि अभी छोड़ दीजिए कल मैं इसे देखता हूं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की इस मामले में कहीं ना कहीं पीएमसीएच प्रशासन की भी भूमिका हो सकती है। वहीं सूचना मिलने के बाद टाऊन डीएसपी अशोक कुमार सिंह, पीरबहोर थाना प्रभारी मोहम्मद हलीम के साथ पीएमसीएच टीओपी प्रभारी शुभम कुमार मौके के पर पहुंचे और मामले की छानबीन में जुट गई है।