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    Bihar News : प्रशांत किशोर के एक और बड़े ड्रामे की खुली पोल, पटना प्रशासन ने पीके को बताया झूठा

    2025-01-08 11:59:36 लेटेस्ट खबरें

      पटना न्यूज : प्रशांत किशोर के एक और बड़े ड्रामे की पोल खुली है। प्रशासन ने खुद इसका खुलासा किया है। पटना जिला प्रशासन ने प्रशांत किशोर पर कई गंभीर आरोप लगाए. कहा कि राजनीतिक फायदा के लिए मीडिया के सामने अफवाह फैलाया गया. दरअसल बार-बार ये कहा जाता रहा कि कोर्ट ने प्रशांत किशोर को शर्त के साथ जमानत दिया था, जिसे पीके ने ठुकरा दिया. बाद में कोर्ट ने अपनी शर्त वापस लिया और तब प्रशांत किशोर बेल लेने के लिए तैयार हुए. लेकिन असली मामला कुछ और था, जो अब सामने आया है.

      • प्रशासन ने पीके को बताया झूठा 

      दरअसल जमानत मिलने के बाद प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया था लेकिन जिला प्रशासन के पास जरूरी कागजात उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उन्हें छोड़ दिया गया. कोर्ट ने उन्हें अनकंडिशनल बेल दिया है. प्रशांत किशोर के इस आरोप का जिला प्रशासन ने खंडन किया है. इसको लेकर प्रेस विज्ञप्ति भी जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि प्रशांत किशोर अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस तरह का अफवाह मीडिया के सामने फैलाया. 

      जिला प्रशासन ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि प्रशांत किशोर झूठ बोल कर जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं। न तो प्रशांत किशोर जेल गए और यह भी झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने कोई बॉन्ड नहीं भरा। प्रशांत किशोर के बयान को जिला प्रशासन ने गलत बताया। प्रशासन का कहना है कि उन्हें बेऊर जेल नहीं, बल्कि बेऊर थाने में ले जाया गया था। जिला प्रशासन ने यह भी बताया है कि प्रशांत किशोर को 25 हजार के निजी मुचलके पर रिहा किया गया।

      • 200 समर्थकों पर केस, वैनिटी वैन पर भी उठे सवाल

      वहीं पटना जिला प्रशासन ने प्रशांत किशोर पर सिविल कोर्ट परिसर में भीड़ जुटाकर हंगामा खड़ा करने का आरोप लगाया है. पटना के पीरबहोर थाने में प्रशांत किशोर के साथ उनके 200 समर्थकों पर केस दर्ज हुआ है. एफआईआर में पुलिस से धक्का-मुक्की और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप है. जबकि परिवहन विभाग की तरफ से उस वैनिटी वैन पर भी कई अनियमितता के सवाल खड़े किए, जिस वैन का इस्तेमाल प्रशांत किशोर कर रहे थे। परिवहन विभाग ने वैनिटी वैन की जांच के क्रम में पाया कि इस वैन के रजिस्ट्रेशन से लेकर चेसिस नंबर तक में गड़बड़ी है। परिवहन विभाग की जांच में ये बात सामने आई है।

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