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    Bihar News : बच्चों के साथ टीचर और हेडमास्टर के भी उड़े होश, 'कोबो टूल्स' से हड़कंप, शिक्षा विभाग का नया फरमान

    BNP डेस्क 2025-02-15 09:07:52 राज्य

      बिहार न्यूज : बिहार में शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है। अब छात्र स्कूल में जंक फूड नहीं ले जा सकेंगे और 50 मीटर के दायरे में जंक फूड की बिक्री भी नहीं होगी। इसके लिए एक खास टूल 'कोबो टूल्स' बनाया गया है। इससे बच्चों के टिफिन और मिड डे मील की जांच होगी। कोबो टूल्स की मदद से छात्रों के टिफिन में जंक फूड की जांच की जाएगी। मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और स्वाद पर भी नजर रखी जाएगी।

      स्कूलों में जंक फूड पर पूरी तरह रोक

      शिक्षा विभाग के नए आदेश से अब स्कूलों में जंक फूड पर पूरी तरह से रोक लग गई है। स्कूल के 50 मीटर के अंदर कोई भी जंक फूड नहीं बेच सकेगा। बच्चे भी अपने टिफिन में जंक फूड नहीं ला पाएंगे। इस नियम को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने 'कोबो टूल्स' नाम का एक डिजिटल टूल बनाया है।


      'कोबो टूल्स' की मदद से अधिकारी यह देख पाएंगे कि बच्चे अपने टिफिन में क्या ला रहे हैं। अगर कोई बच्चा जंक फूड लाता है, तो इसकी जानकारी तुरंत अधिकारियों को मिल जाएगी। इस टूल से यह भी पता चलेगा कि कितने बच्चे जंक फूड ला रहे हैं। इससे स्कूलों में जंक फूड की खपत पर नजर रखी जा सकेगी। वहीं 'कोबो टूल्स' का इस्तेमाल मिड डे मील की गुणवत्ता जांचने के लिए भी किया जाएगा। इस टूल से मिड डे मील के पोषण मूल्य, स्वाद और साफ-सफाई की जांच होगी। राज्य स्तर के अधिकारी भी इस टूल के जरिए स्कूलों में मिड डे मील की निगरानी कर सकेंगे।

       हेडमास्टर को हर दिन देंइ होगी जानकारी

      सिर्फ निरीक्षण करने वाले अधिकारी ही नहीं, बल्कि हेडमास्टर भी हर दिन इस टूल पर जानकारी अपलोड करेंगे। इसमें खाना बनाने की तैयारी से लेकर परोसने तक की पूरी जानकारी देनी होगी। जैसे, चावल धोते समय कितना रगड़ा गया या दाल और चावल को पकाने से दो घंटे पहले भिगोया गया या नहीं। वहीं, बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली पोषण की गोलियों की जानकारी भी 'कोबो टूल्स' में अपडेट करनी होगी। ताकि बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य पर बेहतर नजर रखी जा सके। बता दें कि शिक्षा विभाग और यूनिसेफ ने मिलकर 'कोबो टूल्स' को विकसित किया है। इस टूल का लिंक सभी जिलों को उपलब्ध करा दिया गया है। इस टूल के माध्यम से बच्चों के भोजन की गुणवत्ता और पोषण का तेजी से मूल्यांकन किया जा सकेगा।

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