Bihar school : अनिवार्य रिपोर्ट नहीं सौंपने पर शिक्षा मंत्रालय सख्त, राज्य सरकार को कार्रवाई करने के दिए निर्देश

- मानकों का उल्लंघन करने के मामले में पटना अव्वल
- बार - बार के निर्देश के बाद भी स्कूलों ने नहीं भेजी रिपोर्ट
- नियम उल्लंघन करने के मामले में दूसरे स्थान पर बिहार
- तय मानकों का उल्लंघन कर धड़ल्ले से हो रहा मनमानी
- सरकार शिक्षा का अधिकार लागू करने को लेकर सख्त
Bihar school : बिहार के 38 जिलों में 5,000 स्कूलों ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के मानकों का पालन नहीं किया है। इन स्कूलों ने अनिवार्य रिपोर्ट मुख्यालय को नहीं सौंपी, जिससे इनकी मान्यता रद्द की जा सकती है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बिहार सरकार को ऐसे स्कूलों की सूची सौंपते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सबसे अधिक मानकों का उल्लंघन करने वाले स्कूल पटना (800), मुजफ्फरपुर (640) और भागलपुर (500) में स्थित हैं। इसके अलावा गया, मुंगेर, सिवान, छपरा, वाल्मीकिनगर, मधुबनी, सासाराम और सहरसा सहित अन्य जिलों के स्कूल भी इस सूची में शामिल हैं।
शिक्षा विभाग ने कई बार इन स्कूलों से छात्रों की सीटों की जानकारी मांगी, लेकिन अधिकांश स्कूलों ने रिपोर्ट नहीं सौंपी। कुछ निजी स्कूल गरीब छात्रों को दाखिला देने के बावजूद फीस वसूल रहे हैं, जबकि सरकार इन छात्रों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
देश के 25 राज्यों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मानकों का पालन नहीं किया गया है। झारखंड के बाद बिहार देश में दूसरा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा स्कूलों ने RTE का पालन नहीं किया। झारखंड में 6,000 स्कूलों ने मानकों का उल्लंघन किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देशभर में 22,000 से अधिक स्कूलों को चिह्नित किया है, जो शिक्षा के अधिकार का पालन नहीं कर रहे हैं। देश में 11 लाख से अधिक निजी स्कूलों में करीब 8 करोड़ छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
सरकार ने पंचायतवार सूची मांगी है ताकि सही स्कूलों की पहचान की जा सके। निम्नलिखित कारणों से स्कूलों पर कार्रवाई हो सकती है- गरीब बच्चों का एडमिशन न लेना, उपलब्ध सीटों की गलत जानकारी देना, कक्षा 8 तक छात्रों को शिक्षा पूरी न कराना, एडमिशन टेस्ट लेना (जो प्रतिबंधित है), छात्रों से दान के नाम पर फीस वसूलना, अप्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति, स्कूल के भवन का मानकों के अनुसार न होना, छात्रों को शारीरिक दंड या मानसिक उत्पीड़न करना, ट्यूशन के लिए छात्रों पर दबाव बनाना और बिना मान्यता के स्कूल चलाना।
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से पंचायतवार उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सूची मांगी है। जिन पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं हैं, वहां नए स्कूल खोले जाएंगे। फिलहाल, 80 पंचायतों की सूची तैयार की गई है, जहां अभी तक उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं हैं। सरकार अब सख्ती से शिक्षा के अधिकार कानून को लागू करने और गैर-अनुपालन करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।