Saharsa News : पेटिंग कला से प्रसिद्ध हो रही प्रज्ञा रंजन, सीएम नीतीश ने की तारीफ, मुख्यमंत्री को भेंट की थी मां-बेटे की बनाई पेटिंग

सहरसा न्यूज : खबर सहरसा से है। जहां शहर के बड़ी दुर्गा मंदिर निवासी प्रज्ञा की प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मां-बेटे की बनाई पेटिंग दी गई। वहीं बसंत उत्सव में प्रज्ञा की बनाई गई डीएम की तस्वीर भी आकर्षण का केंद्र बन रही है। जिसमें डीएम की तस्वीर के साथ सहरसा जिले के विभिन्न सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर की तस्वीर खास रही। जबकि मुख्यमंत्री वाली तस्वीर की पेटिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी मां के साथ दिख रहे हैं। जबकि पूजा की थाली हाथ में है।
तस्वीर देखने के बाद सीएम काफी प्रसन्न हुए
तस्वीर देखने के बाद सीएम काफ़ी प्रसन्न हुए और इसे अपने साथ ले गए। पेंटिंग को महज तीन दिनों में तैयार किया गया था। इसके बावजूद पेंटिग काफी बेहतरीन बनी। यह पेटिंग जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए दिया। प्रज्ञा रंजन सोनवर्षा प्रखंड के सरौनी उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका है। प्रज्ञा रंजन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेंटिंग कला के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा रही है। बचपन से ही पेंटिंग का शौक रखने वाली प्रज्ञा वाटर कलर, आयल कलर, पेंसिल वर्क से सभी प्रकार की पेंटिंग बनाने में सिद्धहस्त है। उनका सबसे पसंदीदा माध्यम वाटर कलर है। जिसे काफी मुश्किल माना जाता है।
कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पेटिंग प्रतियोगिता में कला का प्रदर्शन
वह अबतक कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पेटिंग प्रतियोगिता में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी हैं। अंतराष्ट्रीय वाटर कलर सोसायटी इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के लिए उसके बनाए वाटर कलर पेंटिंग का चयन किया गया था। बिंदास आर्ट गैलरी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रज्ञा रंजन को जिस पेटिंग के लिए स्वर्ण पदक मिला उसका शीर्षक था स्क्रीन आफ हैप्पीनेस। वाटर कलर माध्यम से बनी इस पेंटिंग में बच्चों के मुस्कान के जरिए यह दिखाने की कोशिश की गई है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े अगर चेहरे पर मुस्कान है तो सभी चीजें खुबसूरत लगने लगती है।
इसके अलावा प्रज्ञा की बनाई पेटिंग मेलोडियस इस्माइल को पटना स्ट्रीट एग्जिबिशन में काफी सराहा गया था। इस पेटिंग को कल्चरल एंड आर्ट फाउंडेशन के द्वारा सिल्वर मेडल प्रदान किया गया था। पेंटिंग के माध्यम से मां और बच्चे के बीच निश्चल प्रेम को दर्शाया गया है। एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जिसमें विभिन्न देशों के कलाकारों ने भाग लिया था। उस प्रतियोगिता में प्रज्ञा की पेंटिंग टॉप 60 में चयनित हुई थी।