Bihar News : 7 साल बाद फिर खुली BJP नेत्री संजना तांती की फाइल, पुलिस ने परिजनों से की पूछताछ

- 2018 को गायब हुई थी BJP नेत्री
- पति ने हत्या कर शव को गायब करने का लगाया था आरोप
- पति रामदेव पासवान व मुखिया पर लगाया था आरोप
सहरसा न्यूज : खबर सहरसा से है। जहां करीब सात साल बाद भेड़धरी निवासी भाजपा नेत्री संजना तांती गुमशुदगी मामले की फाइल दुबारा खोली गई है। एसपी हिमांशु के निर्देश पर पुलिस द्वारा मामले में अनुसंधान शुरू किया गया है। पुलिस टीम द्वारा गायब महिला के पति से उसके घर पंहुचकर जांच-पड़ताल किया।
एसपी हिमांशु ने बताया कि कांडों की समीक्षा के बाद पुलिस को मामले की छानबीन करने का निर्देश दिया गया है। घटना की सच्चाई सामने लायी जाएगी। भाजपा नेत्री संजना तांती 2018 के 12 जनवरी को यह कहकर घर से निकली थी कि वह अपने नानी घर जा रही है। लेकिन न तो वह नानी घर पहुंची ना ही अपने घर वापस आई, जिसके बाद उसकी खोजबीन शुरू हुई। खोजबीन के बाद भी जब कुछ पता नहीं चला तो पति गौरीशंकर ने अपनी पत्नी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी।
इस मामले में पहले अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके बाद उनके पति ने दो लोगों पर हत्या कर शव को गायब करने का आरोप लगाया था। मोबाइल सीडीआर के आधार पर तीन लोगों को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था। जिसके बाद पुलिस ने पति सहित सभी लोगों का नार्को टेस्ट कराने के लिए न्यायालय से अनुरोध किया गया था। लेकिन उसके बाद से यह मामला ठंढे बस्ते में चला गया। जिस समय संजना तांती गायब हुई थी वह उस वक्त भाजपा की सदस्य थी। लेकिन उससे पहले वह 2015 में पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पाटी के टिकट पर सहरसा से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी थी।
पटुआहा से मुखिया का चुनाव भी लड़ चुकी थी। लेकिन दोनों चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। महिला के गायब होने के बाद गुमशुदगी मामले में कांग्रेस और भाजपा नेताओं के खिलाफ भी पुलिस द्वारा छानबीन किया गया था। महिला के गायब होने का मामला काफी समय तक सुर्खियों में बना रहा था। कई बार धरना-प्रदर्शन, सड़क जाम हुआ था। गायब संजना तांती के मोबाइल का अंतिम टावर लोकेशन बैजनाथपुर बताया जा रहा था। जिसके बाद मोबाइल का स्वीच ऑफ हो गया। वहीं घटना के दिन पटुआहा के ही तीन लोगों से उनकी अंतिम बात हुई है।
संजना तांती के पति पिछले कई वर्षों से विदेश में रहते थे। लेकिन गायब होने के दौरान वह सहरसा में ही रह रहे थे। गायब नेत्री का मुखिया चुनाव के दौरान उससे पूर्व व बाद में कई विवाद हुए थे। गायब नेत्री मामले में नार्को टेस्ट की सहमति के लिए पांच लोगों की सहमति के लिए कोर्ट में पेश किया गया था। पुलिस ने पांच लोगों के विरूद्ध नार्को टेस्ट जांच की अनुमति न्यायालय से मांगी थी। नार्को जांच के दायरे में एक मुखिया, संजना तांती के पति गौरीशंकर, दो सहकर्मी रामदेव पासवान व धीरेन्द्र यादव सहित पंसस शामिल थे।
पति गौरीशंकर ने सदर थाना में रामदेव पासवान व मुखिया पर आरोप लगाया था। जिसके बाद रामदेव पासवान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लेकिन उससे कोई जानकारी नहीं मिली। जिसके बाद एक पंचायत समिति सदस्य को दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया। लेकिन उससे भी इस मामले में पूछताछ की गई। लेकिन कुछ भी पता नहीं चल सका। जिसके बाद तत्कालीन सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित कर कोर्ट में नार्को टेस्ट के लिए इजाजत मांगी गई थी।